आमेर का किला (जयपुर)
Amer Kille Ki Jankari Hindi Main
Jaipur Amer Kile Ki History जयपुर आमेर किले की जानकारी यह दुर्ग कालीखोह पहाड़ी पर बना हुआ है इस दुर्ग का निर्माण मीणाओ ने किया था ! 1207 ई. में धोलाराय के पुत्र कोकिल्देव ने भुटटोमीणा से छिनकर इस पर अधिकार कर लिया ! इस अम्बर दुर्ग व अम्बावती , अम्बिकापुर आम्रदाद्री भी कहा जाता है !
अगर आप आमेर किले को देखने का प्लान बना रहे है तो लोकेशन पर क्लिक करे आपको आमेर किले तक पहुचाने मैं सहयता प्रधान करेगा
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1.विशप हैबर का कथन -मैंने क्रेमलिन मैं जो कुछ देखा और अलब्रहमा के बारे में कुछ सुना उससे बढ़कर भी इस दुर्ग के महल है !
2. कोकिलदेव , भारमल ने इसका पुन: निर्माण तथा मानसिंह प्रथम ने 1592 में इसे आधुनिक रूप दिया !
3.1707 में बहादुर शाह प्रथम ने इसका नाम मोमिनाबाद कर दिया !
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4. इस दुर्ग के स्थापत्य में हिन्दू -मुस्लिम शेली का मिश्रण है !
5. इस दुर्ग में जलेब चोक, सिंह पोल ,गणेश पोल,दीवाने आम , दीवाने खास, दिलखुश महल, बाला बाई की साल, मावठा तालाब, राम बाण, दलारम बाग, चार बाग, कचहरिय, सुरंग ,जस मन्दिर, सुख,मन्दिर , सुहाग मन्दिर , (यहाँ से रानियाँ दीवाने आम को देखती थी ), चतरनाथ जोगी के स्मारक, सीतारामजी का मन्दिर, शिलामाता मन्दिर जनानी ड्योढ़ी, भुख्रारा गार्डन मीना बाज़ार, केशर क्यारी, भूलभुलैया, अम्भिकेश्वर महादेव मन्दिर, मानसिंह महल और कदमी
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महल (इसमें कछवाह वंश का राजतिलक होता है ) राजतिलक की चोकी आदि पर्यटन स्थल है !
6. फर्गुशन ने गणेश पोल को दुनिया का सबसे सुन्दर दरवाजा बताया गया है !
7. यह दुर्ग जयगढ़ दुर्ग से सुरंग से जुड़ा हुआ है !8. इस दुर्ग में सर्वाधिक् विदेशी पर्यटक आते है
9. दुर्ग में परी बाग /मोहन की बाड़ी / मोहन की बाड़ी /श्याम बाग जयसिंह ने पुण्डरीक रत्नाकर की देख-रेख में 1740 में अश्वमेध यज्ञ करवाया, यह यज्ञ भारत का अंतिम अश्वमेध यज्ञ माना जाता है !
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10. दुर्ग में मानसिंह प्रथम की रानी कनकावती ने अपने पुत्र जगत सिंह की याद में जगत शिरोमणि मन्दिर का निर्माण करवाया इस मन्दिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति जिसकी पूजा मीरा बाई बचपन में किया करती थी जिस कारण से मीरा मन्दिर भी कहते है !
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इस दुर्ग में प्रवेश के पांच दरवाजे है
1. कस्सी दरवाजा
2. बांसखो के ठाकुर चुडसिंह की हवेली जाने का दरवाजा
3. पिन्ना मिया की हवेली का दरवाजा
4. भैरू दरवाजा
5. सूरजपोल दरवाजा