श्री खाटूश्यामजी धाम नगरी
Khatu Shyam Mandir Ki Jankari श्री खाटूश्यामजी धाम नगरी भगवान श्री खाटूश्यामजी कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में इनका भव्य मंदिर स्थित जहां हर साल जिन्हें शीश का दानी के नाम से यह संसार पूजता है जब कुरुक्षेत्र के युद्ध में हारे का साथ देने का वादा किया अपनी माँ मोर्वी से तब भगवन श्री कृष्णा ने वीर बर्बरीक से उनका शीश दान मांग लिया बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है भगवान श्री कृष्णा इस महान शीश बलिदान से खुश होकर वीर बर्बरीक को यह वरदान दिया की यह संसार कलियुग में तुम्हे मेरे नाम “श्याम ” से घर घर में पुजेगा और तुमसबकी मनोकामना पूर्ण करोगे . तुम अपने दरबार खाटू में हारे के सहारे बनकर भक्तो की जीत दिलवाओगे |
बाबा श्याम के दर्शन
भगवान श्याम धनी आज भी सभी भक्तो की मनोकामनाए पूर्ण करता है देश विदेश से भक्त बाबा श्याम के दर्शन पाने खाटू धाम में आते है श्री श्याम बाबा के धवजा निशान चढाते है
श्याम बाबा का महत्व नाम
श्री खाटू श्याम जी मुख्य नाम इस तरह है
श्री शीश के दानी खाटू नरेश श्याम सरकार खाटू नाथ मोर्विनंदन लखदातार श्री
खाटू वाले श्याम के नाम है
आज भी हम बात करे तो श्याम बाबा के देश विदेश में हजारो की संख्या में मंदिर है श्री कृष्णा वरदानी बाबा की ज्योत भक्त अपने घरो में हर ग्यारस पर लेते है
भगवान श्याम बाबा का रहस्य
श्री मोरवीनंदन खाटूश्याम जी घटोत्कच व माता मोरवी को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिसके बाल बब्बर शेर की तरह होने के कारण इनका नाम बर्बरीक रखा गया। ये वही वीर बर्बरीक हैं जिन्हें आज लोग खाटू के श्री श्याम, कलयुग के देव, श्याम सरकार, तीन बाणधारी, शीश के दानी, खाटू नरेश व अन्य अनगिनत नामों से जाने जाते हैं।
खाटू श्याम कब जाये
हर साल की भाती खाटूश्यामजी मेला २०२१ में आने से पहले जान लें इन नई व्यवस्थाओं के बारे में, वरना नहीं हो पाएंगे दर्शन सीकर। बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेला 2021 की तिथि तय हो गई है अपने ईष्ट का जन्मदिन मनाने और दो दिवसीय मासिक मेले में शामिल होने के लिये लाखों श्रद्धालु खाटू पहुंचते हैं। Khatu Shyam Mandir Ki Jankari श्री खाटूश्यामजी धाम नगरी श्याम बाबा का जन्मदिन मनाने के लिये देशभर से आये श्यामभक्त देवउठनी एकादशी जो 14 नवम्बर, रविवार के दिन खाटूधाम में एकत्र होंगे। इस दिन का सभी श्यामभक्त कई दिनों से बेसब्री से इंतजार कर रहे होते हैं।
कौन हैं खाटू श्याम
वे महान पांडव भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र हैं। वो बचपन से ही वे वीर और महान योद्धा थे। उन्होंने युद्ध कला अपनी मां ने सिखाया था । इसके अलावा उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया और तीन अभेध्य बाण प्राप्त किए और तीन बाणधारी का प्रसिद्ध नाम प्राप्त किया
खाटू श्याम की पूजा कैसे करें
सबसे पहले बाबा खाटू श्याम का एक चित्र या मूर्ति बाजार से खरीद लायें इसे किसी साफ़ सुथरी जगह या पूजा स्थान पर विराजें अगरबत्ती-धूप घी का दीपक, फूल, पुष्पमाला, कच्चा दूध, भोग सामग्री-प्रसाद ये सब सामान तैयार रख लें. अब श्याम बाबा की फोटो या मूर्ति को पंचामृत या दूध-दही से स्नान करवाएं उसके बाद सभी को जो भी प्रसाद है उसको वितरण करे
निशान क्यों चढ़ाया जाता है
श्याम बाबा को निशान अर्पित क्यों किए जाते हैं वास्तव में निशान चढ़ाने की परंपरा का भी एक रहस्य है। यह ध्वजा बहुत श्रद्धा से बाबा को अर्पित की जाती है। सनातन संस्कृति में ध्वजा विजय की प्रतीक होती है और स्वयं बाबा श्याम की भी प्रतिज्ञा है कि वे हारे हुए का, निर्बल का पक्ष लेंगे, उसे विजयी बनाएंगे
श्याम बाबा तक कैसे पहुचे
सड़क मर्ग – आसपास के शहरों से खाटू श्याम जी के लिए एक अच्छी बस सेवा और निजी परिवहन सेवा है खाटू श्याम जी से रींगस के लिए हमेशा बसे लगे रहती है जयपुर से 80 किलोमीटर 1 घंटा 32 मिनट का रास्ता है
वायु मार्ग – अगर आप वायु मार्ग का चयन कर रहे है तो आपको जयपुर एअरपोर्ट पर आने के बाद कैब या बस से यात्रा का सफ़र करना होगा
रेल मार्ग – आप रेलमार्ग से सफ़र कर रहे है तो आप जहा से भी आये जयपुर जंक्सन का चयन करे यहाँ से कैब (कार) या बसों का आनंद ले .
अगर आप खाटूश्यामजी मन्दिर को देखने का प्लान बना रहे है तो लोकेशन पर क्लिक करे आपको खाटूश्यामजी मन्दिर तक पहुचाने मैं सहयता प्रधान करेगा
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