Bheru Ji Ka Sthan Reengus Mein भेरू जी का स्थान रींगस मैं

By | March 16, 2022
Advertisements

 

1. भेरू जी का स्थान रींगस मैं

Bheru Ji Ka Sthan Reengus Mein भेरू जी का स्थान रींगस मैं :- आज हम बात करते हैं रींगस के भैरू जी महाराज की अक्सर देखा जाए तो इस मंदिर की विशेषताएं कुछ अलग ही है रींगस कस्बे में स्थित भैरू बाबा का मंदिर से प्रसिद्ध है यह मंदिर 500 साल पुराना मंदिर है काल अष्टमी के दिन भैरव बाबा की आकाशवाणी हुई थी हिंदू संस्कृति के अनुसार के द्वारा शिव जी की आलोचना की गई थी जिसके बाद शिव जी ने 5 अवतार में रूद्र अवतार भैरव बाबा के नाम से लेकर अपने नाखून से ब्रह्मा जी का पांच मुख धड़ से अलग कर दिया था तभी से भैरव बाबा परब्रह्मा हत्या का अभिशाप लगाता हूं भैरव जी ने तीनों लोगों की यात्रा की इस मुक्ति के लिए ऐसा माना जाता है कि भेरुजी के तीनों लोको की यात्रा पृथ्वी लोक से हुई है

2. भेरू जी महाराज की कहानी BHERU JI MAHARAJ KI KAHANI

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित रींगस यह जयपुर से 65 किलो मीटर दूरी पर स्थित है रींगस में बाबा भेरुजी का विशालकाय मंदिर माना जाता है रींगस के भैरू जी महाराज को मसानिया भेरू जी के नाम से भी जाना जाता है राजस्थान लोक देवी देवता है इनमें से एक रींगस के भेरुजी महाराज भी है यह मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर माना जाता है मंदिर को लेकर जयपुर सीकर झुंझुनू चूरू बीकानेर जोधपुर अजमेर से बहुत श्रद्धालु आते हैं अब तो राजस्थान के बाहर भी भक्तों का मेला लगता है लेकिन धार्मिक आस्था और मान्यताएं कारण यहां जरूर आते हैं इनमें शादी के बाद मंदिर में पहली बार डॉग लगाने पर आते हैं और जात का जोड़ा की परंपरा शुरू से चलते हैं और बच्चों के जुड़े मुंडन यहां उतरते हैं फागण के माह में बाबा श्याम खाटू श्याम जी का मेला आयोजित होता है इस मंदिर में कई भक्त अपनी पदयात्रा रींगस से शुरू करते हैं

3. इस मंदिर से जुडी बाते जाने  IS MANDIR SE JUDI BATE JANE 

भैरो बाबा के बारे में हमेशा कहा जाता है कि उनका परिवार गुर्जर जाति का होने के कारण उनके पूर्वज गाय चराते थे उस समय पुजारी के पूर्वज मंडोर जिले के निवासी थे पत्थर की गोल मूर्ति को भैरव बाबा के रूप में अपनी झोली में रखते थे गायों को को चलाते समय वह तालाब के किनारे रुक जाते थे जहां भी वे रुकते थे वहां भेरू जी की मूर्ति निकाल कर पूजा-अर्चना शुरू कर देते थे और फिर वहां से रवाना होते हुए मूर्ति उठाकर अपनी झोली में रख लेते थे फिर आगे के लिए रवाना हो जाते थे

4. भेरू जी से अलग होना जीण  माता रानी को BHERU JI SE ALAG HO JANA JEEN  MATARANI KO 

जीण  माता के 452 सीडिया है यहाँ धुणा हमेसा चालू रहता है यह मंदिर जयन्ती माता का सिद्ध पीठ  मंदिर माना जाता है यह स्थान आदिकाल से ही मातेश्वरी का सिद्ध पीठ रहा है जी ण माता और हर्ष दोनों भाई बहिन थे एक दिन हर्ष की शादी हो जाती है तो हर्ष की बहिन और हर्ष की पत्नी दोनों तलब के पास पाणी लाती है तो सबसे पहले हर्ष अपनी पति का घडा उतार देता है तो इस बात का भूरा हर्ष की बहिन को लग जाता है और रूठ के आ गयी के विशालकाय पहाड़ी पे और तपस्या शुरू कर दी अपनी बहिन के पीछे हर्ष भी आके बैठ जाता है और निचे आने के लिये जीण  माता साफ़ मना कर देती है और तपस्या शुरू कर देती है अपनी इस मंदिर के अनेक चमत्कार मने जाते है जैसे की सबसे पहले ओरंगजेब हिन्दू देवी देवताओं के सभी मंदिर तोड़ क्र आया जब इस मंदिर के पुजारियों के होस उड गये लेकिन माता रानी ने ऐशा चमत्कार किया की सेना को मंदिर छोड़ कर  भागना पडा और ओरंजेब की सेना पराजीत हो गयी थी इस प्रकार से इस मंदिर का चमत्कार माना जाता है

5. मंदिर तक कैसे पहुचे – MANDIR TAK KAISE PAHUCHE 

महज जयपुर से 60 किलोमीटर दूर सीकर रोड पे रींगस गाँव में बसा श्री भैरू जी महाराज के मंदिर तक आप कैसे पहुचे आज हम आपको बताते है विस्तार से जाने सबसे पहले आपको जयपुर का बस स्टॉप जो की सिन्धी कैंप है और दूसरा स्टैंड चोमू पुलिया से बस लगती है रींगस के लिये जाने वाली बस आपको मंदिर तक छोड़ सकती है वैसे तो बसे आगे तक जाती है आप कैब से भी इस मंदिर तक पहुच सकते हो क्योंकि 4 घंटे का सफ़र है ये इस मंदिर के पास और भी मंदिर है जैसे पहाड़ के ऊपर माता जा का मदिर है

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *