Junagarh ki kahani जूनागढ़ किले का रहस्य

By | April 13, 2021
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जूनागढ़ किले का रहस्य

JUNAGARH ki kahani जूनागढ़ किले का रहस्य जूनागढ़ किला अपनी उत्कृट बनावट शैली व् ऊँची ऊँची दीवारों के कारण विश्व भर में प्रसिद्व है. हर साल हजारो की संख्या में पर्यटक इस किले की खूबसूरत बनावट शैली को देखने राजस्थान के बीकानेर शहर में आते है जूनागढ़ किले की नींव 1478 में राव बीका द्वारा रखी गई थी लेकिन इस किले का सम्पूर्ण निर्माण राजस्थान के शासक राजा राय सिंह ने संन 1589 में शुरू कराया व् यह किला 1594 में बन कर तैयार हो गया था.इस किले के निर्माण में 5 साल से अधिक समय लगा.

अगर आप जूनागढ़ किले को देखने का प्लान बना रहे है तो लोकेशन पर क्लिक करे आपको जूनागढ़ किले तक पहुचाने मैं सहयता प्रधान करेगा
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Junagarh ki kahani जूनागढ़ किले का रहस्य

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जूनागढ़ किले का निर्माण

Junagarh ki kahani परिसर में कई खूबसूरत महल है महल की नक्काशीदार दीवारें, चित्र, इस्तेमाल किये गए संगमरमर के पत्थर और लाल पत्थर इस किले की भव्यता में चार चाँद लगा देते हैं.यह किला भारत के गिने चुने ऊँचे किलो में से एक है. जूनागढ़ किले की औसत उचाई 230 मीटर है. जूनागढ़ किला लगभग 5.28 हेक्टेयर एरिया में फैला एक विशाल किला है जिसकी बाहरी दीवारे 12 मीटर ऊँची व् 14.5 फ़ीट चौड़ी है. इस किले में सुरक्षा की दृस्टि से बाहरी दीवारों के ऊपर लगभग 40 बुर्जो को बनाया गया था. जिसमे 24 घंटे सैनिक किले की निगरानी करते थे. इस किले का आकार बड़ा होने के कारण इस किले मैं 7 द्वार बनाये गये क्योंकि इस किले मैं सेनिको की संख्या जायदा थी अगर युद्ध आरम हो जाये तो निकल ने मैं आसानी होगी किले के बहार की और , जूनागढ़ किले के द्वार दौलत पोल पर उन महिलाओं के हाथों के कई निशान हैं जिनके पति युद्ध के मैदान में मारे गए थे जो आज भी वहा की याद दिलाते है जूनागढ़ किले के भीतर कई मंदिरो का निर्माण किया गया था जोकि आज भी इस किले में विराजमान है. उदाहरण के तौर हर नारायण मंदिर जो भगवान लक्ष्मी नारायण और उनकी पत्नी लक्ष्मी जी को समर्पित है

जूनागढ़ किले मैं आक्रमण 

इस किले पर आक्रमणकारी द्वारा सिर्फ एक बार कब्ज़ा किया गया था.उदाहरण के तोर पर बाबर के पुत्र कामरान मिर्जा 1534 में राव जैत सिंह के शासन के दौरान सिर्फ एक दिन के लिए जूनागढ़ किले पर कब्ज़ा कर पाया था.जूनागढ़ किले के परिसर में बनाया गया करण महल प्राचीन समय की उत्कृष्ट वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. इस महल क़ि शीशे की खिड़कियां, नक्काशीदार बालकनी, नकाशीदार दरवाजो क़ि खूबसूरती आज भी देखते ही बनती है. करण महल का निर्माण संन 1680 में राजा करण सिंह ने कराया था. Junagarh ki kahani इस किले मैं अनेक महलो का आकार दिया गया है ताकि इस किले के परिसर में बनाए गए अनूप महल, गंगा महल आज भी अपनी बनावट शैली के लिए विश्व भर में लोकप्रिय है.

जूनागढ़ जाने का समय कोनसा ठीक रहता है 

Junagarh ki kahani जूनागढ़ किले का रहस्य इस किले में घूमने के लिए सर्दियों का मौसम अच्छा माना जाता है. क्युकि यह किला थार मरुस्थल के इलाके में बना हुआ है और थार मरुस्थल गर्मियों में तपा देने वाली गर्मी के लिए जाना जाता है इस किले में आने वाले सैलानी सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4.30 बजे तक इस किले को अंदर से देख सकते है अर्थात इस समय अवधि के दौरान ही जूनागढ़ किले के द्वार का खुलना व् बंद होते है.

जूनागढ़ किले का टिकट 

1. भारतीयों के लिए प्रति व्यक्ति 50 रु
2. विदेशियों के लिए प्रति व्यक्ति 300
3. भारतीय छात्रों के लिए प्रति व्यक्ति 30
4. विदेशी छात्रों के लिए प्रति व्यक्ति 150

अगर आप जूनागढ़ किले को देखने का प्लान बना रहे है तो लोकेशन पर क्लिक करे आपको जूनागढ़ किले तक पहुचाने मैं सहयता प्रधान करेगा
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यात्रा 

बीकानेर मैं जूनागढ़ किला कों घूमने का प्लान बना रहे है तो जयपुर से 333.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जूनागढ़ किला आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग से यात्रा करके पहुंच सकते हैं।

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