श्री कल्याण जी महाराज का मन्दिर
Shri Kalyan Ji Maharaj Ke Darshan श्री कल्याण जी का मन्दिर:- डिग्गी कल्याण जी मंदिर राजस्थान के टोंक जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो हर साल भारी संख्या में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस मंदिर के प्रति भक्तों की आस्था इतनी मजबूत है कि यहां पर भक्त नंगे पैर चलकर पहुंचते हैं। इस स्थान को डिग्गीपुरी के नाम से भी जाना जाता है वैसे तो इस मंदिर में रोजाना भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है लेकिन प्रत्येक माह पूर्णिमा के समय यहां एक मेला लगता है, जिसमें काफी भीड़ होती है।
उर्वशी का श्राप
उन्होंने उर्वशी को 12 वर्ष तक मृत्युलोक में रहने का श्राप दिया। उर्वशी मृत्युलोक में सप्त ऋषियों के आश्रम में रहने लगी। सेवा से प्रसन्न होकर सप्त ऋषियों ने उससे वरदान मांगने को कहा तो उर्वशी ने वापस इंद्रलोक जाने की इच्छा प्रकट की
डिग्गी कल्याण जी मंदिर की कहानी
जयपुर से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डिग्गी नगर में इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ के तत्कालीन राणा संग्राम सिंह के शासन काल में संवत् 1584 (सन् 1527) के ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को तिवाड़ी ब्राह्मणों द्वारा करवाया बताया गया है। अगर आप श्री कल्याण जी मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं इस मंदिर को कल्याण जी के नाम से जाना जाता है, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। श्री कल्याण मंदिर का निर्माण 5600 साल पहले राजा डिगवा करवाया गया था। यह एक प्राचीन मंदिर है जिसकी सुंदरता और इतिहास पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है इस मंदिर का शिखर बेहद आकर्षक है और इसको समर्थन देने वाले सोलह स्तंभ हैं जो उन पर बनी हुई प्रतिमाओं की उपस्थिति के कारण बेहद आकर्षक लगते हैं।
मन्दिर मैं भक्तो के दर्शन
आज के दोर मैं हम बात करे तो भगवान के मन्दिर मैं जो सुखन मिलता है इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड रहती है। परंतु प्रति पूर्णमासी को यहां मेला भरता है। वर्ष में तीन बहुत बडे मेले यहां लगते है। एक वैशाख पूर्णिमा को जो सबसे पुराना मेला है। दूसरा श्रावण मास की अमावस्या को जिसमें सबसे अधिक भीड़ रहती है। तीसरा मेला जल जूनी एकादशी अथवा श्रावण मास की इग्यारस को लगता है। ऐसे अवसरों पर कल्याण जी के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से भक्त लोग आते है।
भगवान कल्याण जी विचार विमर्श
श्री कल्याण जी स्वयं भगवान विष्णु हैं। देवताओं की हिंदू त्रय में, विष्णु ब्रह्मा की रचना को बनाए रखते हैं और तब तक सुरक्षित रखते हैं जब तक कि शंकर इसे नष्ट नहीं कर देते। इस मंदिर में विष्णु स्वयं कल्याण जी के रूप में विराजित हैं। मूर्ति सफेद संगमरमर में है। यह चार भुजाओं वाला है। मूर्ति की सुंदरता आकर्षक और मनमोहक है। कल्याण का अर्थ है परोपकार और दुख से मुक्ति। यहाँ का देवता आगंतुकों और विश्वासियों को प्रसन्नता और कल्याण के साथ आशीर्वाद देता है और उन सभी समृद्धि और सांसारिक धन की शुभकामना देता है। वह भक्तों को दुखों से मुक्त करता है। मंदिर डिग्गी में रहने वाले पंडितों के गूजर गौर कबीले द्वारा परोसा जाता है। एक “पंडी” के अनुसार कबीले द्वारा संरक्षित किया जा रहा है।
इस मन्दिर के पास छोटे छोटे मन्दिर बने हुए है विस्तार
सुनहरी कोठी
हाथी भाटा
जामा मस्जिद
बीसलदेव मंदिर
घुमने लायक जगह
बीसलपुर डेम
हादी रानी बोरी
जल्देवी मंदिर
घंटा घर
आरती का समय गर्मी का
मंगल आरती – सुबह 4 बजे
शृंगार आरती – सुबह 6 बजे
भोग – दोपहर 2 बजे
शयन – दोपहर 2:30 बजे
जागरण – शाम 4 बजे
शाम की आरती – शाम 7:30 बजे
भोग – रात्रि 9 बजे
शयन आरती – रात 10 बजे
आरती का समय सर्दी का
मंगल आरती – सुबह 5 बजे
शृंगार आरती – सुबह 7 बजे
भोग – दोपहर 2 बजे
शयन – दोपहर 2:30 बजे
जागरण – दोपहर 3:30 बजे
शाम की आरती – शाम 6:30 बजे
भोग – प्रात: 7:30 बजे
शयन आरती – रात 9 बजे
अगर आप श्री कल्याण जी का मन्दिर को देखने का प्लान बना रहे है तो लोकेशन पर क्लिक करे आपको श्री कल्याण जी का मन्दिर तक पहुचाने मैं सहयता प्रधान करेगा
LOCATION
Pingback: Birla Mandir Jaipur In Hindi बिरला मंदिर इन हिंदी