उदयपुर का सिटी पैलेस
Udaipur Ka City Palace :- उदयपुर का सिटी पैलेस राजस्थान में सबसे बड़ा शाही परिसर माना जाता है। अरावली की गोद में बसा सिटी पैलेस का ग्रेनाइट और संगमरमर का किनारा प्राकृतिक परिवेश के विपरीत है।सिटी पैलेस की स्थापना १६वीं शताब्दी में आरम्भ हुई। उदयपुर पैलेस स्थापित करने का विचार एक संत ने राजा उदयसिंह द्वितीय को दिया था। इस महल को बनाने में 22 राजाओं का योगदान था। सिटी पैलेस उदयपुर में महलनुमा इमारतों में सबसे सुंदर है। यह राजस्थान में अपनी तरह का सबसे बड़ा माना जाता है। महाराणा उदय मिर्जा सिंह ने सिसोदिया राजपूत कबीले की राजधानी के रूप में 1559 में महल का निर्माण किया। यह पिछोला झील के किनारे पर स्थित है। सिटी पैलेस के परिसर में 11 महलों शामिल हैं। रीगल महल की जटिल वास्तुकला मध्ययुगीन, यूरोपीय और साथ ही चीनी प्रभावों का एक मिश्रण है और कई गुंबदों, मेहराबों और मीनारों से अलंकृत है। सिटी पैलेस खुद हरे भरे बगीचे पर बसा हुआ है और देखने के लिए काफी आकर्षक है।
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राजस्थान का सबसे खूबसूरत शहर उदयपुर के बारे मैं पढ़े
बादी पॉल से टिकट लेकर आप इस परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य त्रिपोलिया गेट’ दिखेगा। स्थापत्य प्रतिभा और समृद्ध विरासत का एक सौम्य संगम है उदयपुर का सिटी पैलेस। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको यात्रा कराते हैं झीलों के बीचों-बीच बसे सिटी पैलेस की। जब राजा को सोने और चांदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चांदी को गरीबों में बांट दिया गया था। इसके सामने की दीवार ‘अगद’ कहलाती है। यहां पर हाथियों की लड़ाई का खेल होता था।
उदयपुर का सबसे बड़ा सिटी महल
उदयपुर का किला:- राजस्थानी शैली की वास्तुकला का एक आदर्श संयोजन प्रदर्शित करता है। यह एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है और पूरे शहर का एक हवाई दृश्य प्रदान करता है। महल में कई गुंबद, आंगन, गलियारे, कमरे, मंडप, टावरों, और हैंगिंग गार्डन हैं जो इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं। इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है। इसी परिसर का एक भाग सिटी पैलेस संग्रहालय है। इस महल में कई द्वार हैं। बड़ा पोल या ग्रेट गेट महल का मुख्य प्रवेश द्वार है। यहाँ एक भी त्रिधनुषाकार द्वार है, इसे त्रिपोलिया कहा जाता है। इस गेट के करीब एक क्षेत्र है, जहां हाथियों की लड़ाई होती थी। इन दो फाटकों के बीच में, वहाँ आठ तोरण या संगमरमर के मेहराब हैं।
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उदयपुर का संग्रहालय
उदयपुर का सिटी पैलेस अब सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में शम्भूक निवास राजपरिवार का निवास स्थानन है। इससे आगे दक्षिण दिशा में ‘फतह प्रकाश भ्ावन‘ तथा ‘शिव निवास भवन’ है। वर्तमान में दोनों को होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। जहाँ से परिसर के निर्माण का काम पूरे जोश के साथ किया गया था और आखिरकार यह साल 1559 में पूरा हुआ। हालाँकि, तत्कालीन मौजूदा ढांचे में कई बदलाव किए गए थे, जो 400 साल की अवधि में पुरे हुए। उदय सिंह द्वितीय जैसे शासकों ने यहाँ कुछ संरचनाएँ मराठों द्वारा बढ़ते अपराधों ने महाराणा भीमसिंह को अपनी सुरक्षा स्वीकार करते हुए अंग्रेजों से संधि करने के लिए मजबूर कर दिया। 1947 में भारतीय स्वतंत्रता तक महल का नियंत्रण था और मेवाड़ साम्राज्य का 1949 में लोकतांत्रिक भारत में विलय कर दिया गया था।
झीलों की नगरी उदयपुर
इस होटल का संचालन ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के द्वारा किया जाता है। देश विदेश के बहुत सारे भव्य कार्यक्रम और बड़ी-बड़ी शादियाँ इस होटल में आयोजित होती रहती है। फतेह प्रकाश होटल से पिछोला झील के बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखाई देते है, शाम के वक़्त फतेहप्रकाश होटल से सूर्यास्त देखना एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है। फतेह प्रकाश होटल के अंदर लगे हुए अधिकतम सोफा, कुर्सी, कालीन, क्रिस्टल, हथियार, उदयपुर दर्शन, कलाकृतियां और चित्रों जैसी बहुत सारी अमूल्य वस्तुएँ महाराणा सज्जन सिंह के शासनकाल 1877 के समय मंगवाई गई थी।
उदयपुर सिटी पैलेस का टिकट
1. भारतीयों के लिए प्रति व्यक्ति 30 रु
2. विदेशियों के लिए प्रति व्यक्ति 300 रु
उदयपुर महलो की जानकारी
1अमर विलास 2.बड़ी महल 3.फतेप्रकाश पैलेस 4.दरबार हॉल 5.भीम विलास 6.चिनी चित्रशाला 7.छोटी चित्रशाला 8.कृष्ण विलास 9.माणक महल 10.मोर चौक 11.रंग भवन 12.शीश महल 13.सिटी पैलेस संग्रहालय
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यात्रा
उदयपुर सिटी पैलेस घूमने का प्लान बना रहे है तो जयपुर से 396.00 किलोमीटर की दूरी पर स्थित NH58 उदयपुर सिटी पैलेस आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग से यात्रा करके पहुंच सकते हैं।
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